Pavitrikarn mantra पवित्रीकरण का तात्पर्य है शरीर, आसन, स्थल, सामग्री आदि को शुद्ध करना। शरीर शुद्धि का मुख्य विधान भगवान विष्णु का स्मरण करना है। पवित्रीकरण हेतु मुख्य रूप से “ॐ अपवित्रः …….. पुनातु” का प्रयोग किया जाता है किन्तु इसके अतिरिक्त भी अनेकों मंत्र हैं जिनका प्रयोग व्यावहारिक रूप से पाया जाता है। इस आलेख में पवित्रीकरण के अनेकानेक मंत्रों का संग्रह किया गया है।
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